Akbari vigyapan ke lekhak kaun hai :- दोस्तों जब आप अकबर के इतिहास को पढ़ रहे होंगे तो आपके सामने एक अकबरी विज्ञापन नाम जरूर सामने आया होगा जिसमें अकबर के संपूर्ण इतिहास ओ को दर्शाया गया है दोस्तों अगर आपके मन में यह सवाल है।
कि आखिर अकबरी विज्ञापन के लेखक कौन हैं तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए क्योंकि इस लेख में हमने इसी पर चर्चा किया है तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।
Akbari vigyapan ke lekhak kaun hai (अकबारी विज्ञापन के लेखक कौन हैं ?)
अबुल फजल अकबारी विज्ञापन के लेखक है ( Abul Fazal Akbari vigyapan ke lekhak hai ) आइन-ए-अकबरी को ही अकबारी विज्ञापन कहा जाता है। अबुल फजल जी ने अकबर के आदेश पर इतिहास लिखा था जिसका नाम “अकबरनामा” था ।
अकबरनामा को उन्होंने तीन भागों में बांटा था जिस में से एक अकबारी विज्ञापन भी था।
अखबारी विज्ञापन के लेखक कौन हैं ?
अखबारी विज्ञापन के लेखक चिरंजीत है। दोस्तों दोस्तों अखबारी विज्ञापन और अकबारी विज्ञापन में बस ‘ क ‘ और ‘ ख ‘ का अंतर है। यह दोनों पूरे तरह से अलग अलग है। अखबारी विज्ञापन एक रेडियो नाटक है जिसमे पति और पत्नी के बीच के बातों को दर्शाया गया है।
ठीक उसी प्रकार से अकबारी विज्ञापन एक ऐतिहासिक कितब या कह सकते है कि इतिहास ग्रंथ है इस मे अकबर काल के चीज़ों को विस्तार से वर्णन किया गया है।
हालांकि ढेर सारे लोग इस सवाल को देख कर के भ्रामित हो जाते है मगर आप इस सवाल का जवाब सोच समझ कर दे।
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अकबारी विज्ञापन क्या है ?
अकबरी विज्ञापन अकबर द्वारा लिखवाया गया एक ऐतिहासिक पुस्तक है। जिसमें अकबर के स्थानों शौकत और रुतबे की वर्णन की गई है। दोस्तों अगर हम इसे विस्तार से समझने की कोशिश करें तो,
जब अकबर के शासन काल में राज दरबार लगाए जाते थे तब अकबर ने अबुल फजल नामक व्यक्ति को आदेश दिया। (अबुल फजल अकबर के रत्नाकर में से एक थे)
और कहा कि आप हमारे साम्राज्य पर एक ऐतिहासिक पुस्तक लिखें और उसमें हमारे सम राज्य के बारे में विस्तार से वर्णन करें।
अबुल फजल ने अकबर की बातों को हंसते-हंसते मान लिया और अकबर के साम्राज्य पर एक ऐतिहासिक पुस्तक लिखने चल दिया ।
उन्होंने अकबर के साम्राज्य को ऐतिहासिक किताबों में दर्शाने के लिए लगभग 3 भागों में खंडित किया। अकबरी विज्ञापनों उन्हीं भागों में से एक है।
अबुल फजल कौन थे – (अबुल फजल की जीवन परिचय)
अबुल फजल अकबर के रत्नाकरो में से एक थे और अबुल फजल का पूरा नाम इब्न मुबारक था। अबुल फजल जी का जन्म 1551 वे वर्ष में हुवा था।
अबुल फजल जी का पिता का नाम शेक मुबारक था। हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि अबुल फजल ने आइने अकबरी और अकबरनामा जैसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक की रचना की। अबुल फजल अकबर के मशहूर नवरत्नो में से एक रत्न थे।
अबुल फजल जी का शुरुवाती जीवन – हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि अबुल फजल का पुरा परिवार देशांतरवास कर पहले ही सिंध आ चुका था।
फिर भारत के राजस्थान में अजमेर नामक जगह के पास नागौर में हमेशा के लिए बस यानी कि ठहर गये। वैसे तो अबुल फजल जी का जन्म आगरा में हुआ था।
अबुल फजल जी का बचपन से ही काफी प्रतिभाशाली और चंचल बालक थे। अबुल फजल जी के पिता शेख मुबारक ने उसकी शिक्षा की अच्छी व्यवस्था की जल्द ही वह एक गुढ़ और कुशल समीक्षक विद्वान की ख्याति प्राप्त कर लिए थे।
तकरीबन 20 वे वर्ष की आयु में वह शिक्षक बन गया। फिर लगभग 1573 ई. में अबुल फजल जी का प्रवेश अकबर के दरबार में हुआ। वह बिल्कुल सतर्क निष्ठा, असाधारण प्रतिभा, और वफादारी के बल पर अकबर का चहेता पूर्ण रूप से बन गए।
वह काफी जल्दी ही अकबर का विश्वासी आदमी में से एक बन गए और फिर धीरे धीरे प्रधानमंत्री के ओहदे तक पहुँच गए ।
अबुल फजल इब्न का इतिहास लेखन – अबुल फजल जी एक राजनायिक, महान राजनेता और सौन्य जनरल होने के साथ ही साथ उसने अपनी पहचान एक लेखक और रचयिता के रूप ने भी वह भी इतिहास लेखक के रूप में काफी दमदार बनाया।
अबुल फजल जी ने इतिहास के परत-दर-परत यानी कि स्टेप बाई स्टेप को उजागर का लोगों के सामने लाने का कोसिस किया। खास कर उस का ख्याति तब और बढ़ जाती है,
जब अबुल फजल जी ने आईने अकबरी और अकबरनामा की रचना की। उसने भारतीय मुगलकालीन समाज और सभ्यता को इस ऐतिहासिक पुस्तक के माध्यम से बड़े ही अच्छे तरीके से वर्णन किया है।
दोस्तों आशा करता हूं कि आपको मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से अकबरी विज्ञापन के लेखक कौन है। इनके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लिए होंगे मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि,
आप हमारे इस लेख को पढ़ करके संतुष्ट होंगे क्योंकि इस लेख में हमने सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको अकबरी विज्ञापन से जुड़ी जानकारी देने की कोशिश की है।
क्योंकि हमें मालूम था कि कई सारे ऐसे लोग हैं जिनके मन में यह सवाल है कि आखिर अकबरी विज्ञापन क्या है और अकबरी विज्ञापन के लेखक कौन हैं,