bharat ki azadi ke samay britain ka pradhanmantri kaun tha :- नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूं आप बिल्कुल ठीक होंगे आपका हार्दिक स्वागत है हमारे इस लेख में आज के इस लेख के मदद से ‘भारत की आजादी के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे’ के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
दोस्तों यह सवाल अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता है और ढेर सारी ऐसे छात्राओं है जो इसका जवाब नहीं दे पाते हैं तो इसलिए हमने इस लेख को लिखा है तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।
भारत की आजादी के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे
हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि तकरीबन 20 फरवरी, वर्ष 1947 को, यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री क्लीमेंट एटली ने यह बात घोषणा की थी।
की ब्रिटिश सरकार तकरीबन 30 जून 1948 भारत को पूर्ण रूप से स्वशासन प्रदान करेगी। अंतिम परिवर्तन काल की तिथि निर्धारित होने के बाद रियासतों का भविष्य उनके हिसब से तय किया जाएगा।
क्या आपको मालूम हौ की क्लीमेंट रिचर्ड एटली एक ब्रिटिश के राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने तकरीबन 1945 से 1951 तक United Kingdom के प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान रहे और उसी के रूप में कार्य किया।
क्लीमेँट एटली कौन थे – (Who is Clement Attlee)
Clement Attlee (क्लीमेँट एटली) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। क्लीमेँट एटली ने ग्रेट ब्रिटेन में कल्याणकारी राज्य की स्थापना की थी और इसके साथ ही भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने की अध्यक्षता भी की थी , जो ब्रिटिश साम्राज्य को राष्ट्रमंडल राष्ट्रों में बदलने में सब से बडा और महत्वपूर्ण कदम था।
वह शायद 20वीं सदी के अग्रणी लेबर भी राजनेता थे। हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि उन्होंने अपनी पार्टी को पूरे तरह से कंजरवेटिव पार्टी के स्वाभाविक विरोधी में बदल दिया और इस तरह ब्रिटिश राजनीति का पूरे तरह से ध्रुवीकरण कर दिया।
क्लीमेँट एटली का जीवन परिचय – ( Clement Attlee Biography )
Clement Attlee (क्लीमेँट एटली) जी का जन्म 3 जनवरी 1883 को इंग्लैड में हुवा था। क्लेमेंट एटली लंदन के एक बहुत ही समृद्ध वकील हेनरी एटली और एलेन वॉटसन के चौथे पुत्र थे।क्लेमेंट एटली शिक्षा एक मजबूत और शाही परंपरा के साथ हर्टफोर्डशायर के एक बोर्डिंग स्कूल हैलीबरी कॉलेज के साथ ही साथ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई थी।
लेकिन 1905 में उन्हें बार में बुलाया गया लेकिन 1909 में उन्होंने कानून छोड़ दिया। 1905 में उन्होंने लंदन के गरीब ईस्ट एंड का नियमित दौरा शुरू किया,
जहां उन्होंने एक बस्ती घर में स्वयंसेवी कार्य किया, जिसे हैलीबरी कॉलेज द्वारा समर्थित किया गया था। दो साल बाद उन्होंने घर में निवास किया – एक ऐसा कदम जिसने उनके पूरे राजनीतिक भविष्य को निर्णायक रूप से प्रभावित किया।
पूर्वी लंदन में उन्होंने जो कठोर गरीबी देखी, उसने मौजूदा व्यवस्था में उनके विश्वास को कम कर दिया। हालांकि उन्होंने अचानक राजनीतिक परिवर्तन नहीं किया,
उनके विचार तेजी से बाईं ओर चले गए, और वे जीवन भर एक प्रतिबद्ध नैतिक समाजवादी बने रहे। वह 1907 में फैबियन सोसाइटी और 1908 में इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी में शामिल हो गए।
अगले 15 वर्षों तक, प्रथम विश्व युद्ध की अपनी सेवा (उन्होंने गैलीपोली, इराक और फ्रांस में सेवा की) के अलावा, लंदन की मलिन बस्तियों के बीच में रहना जारी रखा। . राजनीति को छोड़कर हर चीज में, एटली गहराई से रूढ़िवादी थे।
वह लगभग हर उस पारंपरिक संस्था को पसंद करते थे और उसका सम्मान करते थे जिससे वह जुड़ा था। वह दृढ़ता से परिवार उन्मुख था, और अपने युग के बुर्जुआ समाजवादियों के बीच असामान्य-उसने अपने वर्ग और पृष्ठभूमि के खिलाफ कोई विद्रोह महसूस नहीं किया।
इसके अलावा, उनमें लगभग उतना ही कम घमंड था जितना कि मूर्तिभंजन था। अपने सुविकसित सामाजिक अंतरात्मा के अलावा, वह हर तरह से एक पारंपरिक और बल्कि आत्म-विनाशकारी अंग्रेजी उच्च-मध्यम वर्ग के सज्जन व्यक्ति थे।
तो दोस्तों इसी तरह से उन्होंने अपने जीवन को आगे बढ़ाया और वो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी बने और फिर 8 कटुबर 1967 वेबमिनिस्टर सिटी में उनकी मृत्यु हो गईं।
ब्रिटेन में मजदूर दलों की विचारधारा को स्पष्ट कीजिए
दोस्तों अगर हम ब्रिटेन में मजदूर दलों की विचारधारा को स्पष्ट करने के बारे में बात करे तोइस दल की विचारधारा बहुत विस्तृत और बड़ा है।हम आपके जानकारी के लिए बता दे की इस मे प्रखर समाजवाद से ले कर के सभी उदारवादी समाजवादी लोकतंत्र की विचारधारा पूर्ण रूप से शामिल हैं।
तकरीबन 1900 में बनने के बाद लेबर पार्टी ने शुरुवाती 1920 के आम चुनावों में उस समय की लिब्रल पार्टी की जगह पूर्ण रूप से ले ली और रामसे मैक्डोनाल्ड के नेतृत्व में लगभग 1924 और 1929-31 वे वर्ष के दौरान अल्पमत की सरकारें बनाईं। तो दोस्तों अगर यह सवाल आपके परीक्षा में पूछता है, तो आप कुछ इस प्रकार से इसका उत्तर दे सकते है।
Conclusion निष्कर्ष
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से भारत की आजादी के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे, बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे हमने इस लेख में आसान से आसान भाषा का उपयोग करके आपको इस से जुड़ी जानकारी देने की कोशिश की है।
और आप सभी पर मेरा संपूर्ण विश्वास है कि आप सभी मेरे इस लेख को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़ चुके होंगे और भारत की आजादी के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।