Psychology Facts in Hindi: क्या आपने कभी सोचा है कि कभी-कभी आप अचानक से दुखी क्यों हो जाते हो या रेस्टोरेंट को देखते ही हमें भूख क्यों लगने लगती है? आज की इस पोस्ट (साइकोलॉजी मीनिंग, प्रकार, प्रयोग एवं फायदे, 75 रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य – Amazing Facts about Human Psychology in Hindi) में आपको इन्ही सारे सवालों के जवाब मिलेंगे.सबसे पहले हम बात करते हैं कि साइकोलॉजी क्या है, इसकी परिभाषा, प्रकार और मनोवैज्ञानिक अध्ययन के फायदे क्या-क्या हैं?
Meaning of Psychology in Hindi: मानव का मष्तिष्क एक पेचीदा सिस्टम है, इसके काम करने का तरीका और उसका इंसानों के शरीर और व्यवहार पर प्रभाव को जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है. यही पर psychology काम आती है. साइकोलॉजी का हिन्दी अर्थ मनोविज्ञान होता है. मानवीय मष्तिष्क, उसके व्यवहार, कार्य-पद्धति और विकास प्रक्रिया के अध्ययन को साइकोलॉजी कहा जाता है.
मनोविज्ञान (साइकोलॉजी) क्या है? Meaning of Psychology in Hindi
परिभाषा: साइकोलॉजी, मानव मस्तिष्क और उसके कार्यों के अध्ययन का वैज्ञानिक तरीका है. विकिपीडिया के अनुसार साइकोलॉजी दिमाग और व्यवहार की विज्ञान है. यह मनुष्य की चेतना और अवचेतना अवस्थाओं का अध्ययन है.
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार मनोविज्ञान (Psychology) एक विस्तृत विषय है जिसमें इंसानी मस्तिष्क, उसके कार्य करने के तरीके, इंसानी व्यवहार, सोच, भावनाओं, स्वास्थ, जैसे अनेक विषयों का अध्ययन शामिल है.
शब्द के तौर पर Psychology दो शब्दों, Psyche और Logy से मिलकर बना है. Psyche का अर्थ होता है ‘दिमाग से संबंधित’ और Logy का अर्थ होता है ‘अध्ययन’. इस तरह से दिमाग सबंधी अध्ययन और अनुसंधान को साइकोलॉजी कहा जाता है.
मोनोविज्ञान का अध्ययन करने वाले लोगों को साइकोलॉजिस्ट (मनोवैज्ञानिक) कहा जाता है और मनोवैज्ञानिक बामारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर को मनो-चिकित्सिक (Psychiatrist) कहा जाता है.
मनोविज्ञान के प्रकार | Types of Psychology in Hindi
जैसा कि ऊपर बताया है कि मनोविज्ञान एक विस्तृत विषय है और क्षेत्र विशेष के गहन अध्ययन के लिए साइकोलॉजी को कई विषयों में बांटकर देखा जाता है. यहाँ हमने मनोवैज्ञानिक अध्ययन की कुछ विशेष शाखाओं के बारे मैं बताया है.
- पर्सनल साइकोलॉजी: मनोविज्ञान की इस शाखा में इंसान के व्यक्तित्व, सोचने के तरीकों, व्यवहार में बदलाव और इसके कारणों जैसे विषयों पर अध्ययन और रिसर्च किया जाता है.
- सोशल साइकोलॉजी: इस शाखा में इंसानों के एक बड़े समूह या पूरे समाज के विकास, व्यवहार, सोच, इत्यादि के पैटर्न को समझने की कोशिश की जाती है.
- जैविक मनोविज्ञान: साइकोलॉजी की इस शाखा में यह अध्ययन किया जाता है कि शरीर में जैविक बदलाव और जैविक प्रक्रियाएं हमारे दिमाग को कैसे प्रभावित करती हैं.
- क्लिनिकल साइकोलॉजी: यह साइकोलॉजिकल स्टडी दिमागी बीमारियों और मानसिक रोगों को समझने और उनका इलाज करने में सहायक होती है.
- संज्ञानात्मक (Cognitive) साइकोलॉजी: मनोविज्ञान की इस शाखा में मनुष्य के सोचने के तरीकों, निर्णय लेने के तरीकों, यादों और समस्या सुलझाने के पैटर्न के बारे में अध्ययन किया जाता है.
- कुछ अन्य साइकोलॉजी की शाखाएं हैं: फॉरेंसिक साइकोलॉजी, इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी, तुलनात्मक मनोविज्ञान, इत्यादि.
मनोविज्ञान के प्रयोग
साइकोलॉजी अध्ययन और रिसर्च का सबसे सटीक प्रयोग मानसिक रोगों को समझने और उनके इलाज के विकास में किया जाता है. इसके साथ ही इंसानी दिमाग को समझकर उसे अन्य कामों के लिए भी प्रयोग में लाया जता है. जैसेः
- मार्केटिंग कैंपेन बनाने में
- सामजिक स्तर पर कार्यक्रमों के संचालन में
- मष्तिष्क संबंधी रोगों को समझने में
- इंसानी शरीर की कार्य-विधि समझने में.
- स्वास्थ संबंधी योजनाएं और उपकरण विकसित करने में.
- बाल विकास को समझने में.
मनोवैज्ञानिक अध्ययन के फायदे
इंसान के दिमाग और उसके काम करने के तरीकों को समझने के बहुत सारे फायदे हैं. कुछ फायदे हमने यहाँ दिए हुए हैं.
- साइकोलॉजी की सहायता से मनो विकारों और पागलपन को समझने में सहायता मिलती है.
- दिमाग के काम करने के तरीके जानकर उसके विकास के अनुसंधान में मदद मिलती है.
- बड़ी-बड़ी कम्पनीज लोगों के खरीद-फरोख्त संबंधी आदतों के आधार पर अपने प्रोडक्ट और उनके प्रमोशन के तरीके बनाती हैं.
- अपराधियों और आतंकवादियों के समूह का मनोवैज्ञानिक अध्ययन करके उनके खिलाफ बेहतर रणनीति तैयार करने में.
- लोगों की कमजोरियाँ जानकार उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत करने में.
Psychologist और Psychiatrist में क्या अंतर होता है?
Psychologist और Psychiatrist दोनों का ही काम इंसानी दिमाग को समझना और उससे जुड़े रोगों या समस्याओं को ख़त्म करना होता है. एक साइकोलॉजिस्ट , किसी इंसान के तौर-तरीकों, व्यवहार, सोचने के तरीकों, आदि के अध्ययन की सहायता से उसे इनमें बदलाव के लिए प्रेरित करने और सुझाव देने का काम करता है.
साइकेट्रिस्ट, मनोचिकित्सक को कहा जाता है जो मानसिक रोगों से निजात दिलाने के लिए इलाज करता है और दवाइयों का सुझाव देता हैजीवन में रोज़मर्रा के काम करने का तरीका हो या हमारे सोचने का तरीका, हमारा लाइफस्टाइल, फीलिंग्स सब कुछ हमारी सोच और दिमाग पर निर्भर करता है. हर दिमाग अपने आप में डिफरेंट होता है जिसके कारण दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति भी एक-दूसरे से अलग होता है.
मनोविज्ञान की दुनिया बहुत ही रोचक और आश्चर्यचकित करने वाली है. यह सत्य है कि प्रत्येक इंसान का दिमाग अलग तरीके से काम करता है लेकिन फिर भी मनुष्य की कुछ विशेषताएँ ऐसी होती हैं जो ज्यादातर इंसानों में एक जैसी ही होती हैं.
इस पोस्ट में अब हम आपको कुछ ऐसे रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्यों के बारे में सरल भाषा (Interesting Psychology Facts in Hindi) में बताएँगे जिनकी सहायता से आप आम व्यक्ति के व्यवहार और चरित्र के बारे में कुछ मजेदार बातें जान सकोगे.
Psychology Facts in Hindi (1-20) | मनोविज्ञान तथ्य:
. हमारी फैशन और ड्रेसिंग की समझ का सीधा संबंध हमारे मस्तिष्क से है। जब हम अच्छे कपड़े पहनते हैं, तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।
2. जो लोग बहुत कसमें खाते हैं वे अपने दोस्तों के साथ अधिक ईमानदार और वफादार होते हैं।
3. कई शोधों के अनुसार, ‘मई ’के महीने में पैदा होने वाले बच्चे अन्य महीनों में पैदा हुए बच्चों की तुलना में वजन में भारी होते हैं।
4. पैसा एक व्यक्ति को खुशी दे सकता है लेकिन केवल एक निश्चित सीमा तक। अध्ययन बताते हैं कि जब हमारी आय एक निश्चित बिंदु तक बढ़ जाती है, तो हम खुश महसूस करते हैं। उस बिंदु के बाद पैसा उतना मायने नहीं रखता।
5. अनुसंधान से पता चलता है कि जब हम संपत्ति खरीदने के बजाय अनुभवों (जैसे यात्रा, सिनेमा, खेल, आदि) पर पैसा खर्च करते हैं तो हम अधिक संतुष्ट होते हैं। अनुभवों पर पैसा खर्च करने से हम अधिक मिलनसार और तनाव-मुक्त महसूस करते हैं।
6. आप एक समय में केवल 3-4 चीजें ही याद रख सकते हैं।
7. लंबे समय तक अकेले रहना या दिन में 15 सिगरेट पीना एक सामान रूप से खतरनाक है।
8. जब आप किसी प्रिय को याद करने लगते हैं, तो आपका मन अचानक उदास होने लगता है।
9. जो लोग मूर्खतापूर्ण (मूर्ख) सवालों या स्थितियों पर तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं वे स्वभाव से अधिक बुद्धिमान होते हैं।
10. ऑनलाइन डेटिंग कंपनियां और ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां एक ही प्रकार के मनोवैज्ञानिक पैटर्न का उपयोग करती हैं। वस्तुओं और साझेदारों का चयन करते समय मनुष्य वही सोचता है।
जिन लोगों को बहुत तेज गुस्सा आता है, वे उस समय गहरे तनाव में होते हैं और उन्हें तुरंत प्यार और अपनेपन की जरूरत होती है ।
12. जो लोग खुद से बात करते हैं वे स्वभाव से स्मार्ट होते हैं।
13. तेज बुद्धि और उच्च बुद्धि स्तर वाले लोग रात में देर से सोने की संभावना रखते हैं।
14. हमारा मन शारीरिक पीड़ा के रूप में किसी भी प्रकार की अस्वीकृति (गैर-स्वीकृति) को महसूस करता है।
15. एक अमेरिकी अध्ययन के अनुसार, लगभग दो सीरियल किलर नवंबर में किसी भी अन्य महीने की तुलना में अधिक पैदा होते हैं।
16. जब वे पूरे आत्मविश्वास और सच्चाई के साथ बोलते हैं तो लोग अधिक आकर्षक लगते हैं।
17. जब लोग किसी चर्चा या वार्तालाप को छोड़ना चाहते हैं, तो वे बार-बार अपने पैरों को आगे-पीछे करते हैं, या अपने पैरों को चारों ओर घुमाना शुरू करते हैं।
18. जब आप किसी को पूरे दिल से पसंद करते हैं, तो उसके सामने झूठ बोलना लगभग असंभव है।
19. जब हम बहुत ज्यादा सोते हैं तो हम ज्यादा सोने लगते हैं।
20. जब हम लगातार नकारात्मक बातें सोचते रहते हैं, तो हमारा शरीर बीमार जैसा महसूस करने लगता है।
Psychology Facts in Hindi(21-40) | मनोविज्ञान तथ्य:
21 .चॉकलेट खाने की लत और ऑनलाइन शॉपिंग करने की लत स्मोकिंग, ड्रग्स और सेक्स की लत से भी खतरनाक होती है.
22. अपने आप को काम में व्यस्त रखने से हम खुश होने लगते हैं. इसका कारण है क्योंकि जब हम व्यस्त होते हैं, तो हमारा मस्तिष्क हमें अपने जीवन में नकारात्मक चीजों के बारे में सोचने से रोकता है।
23. रेस्त्रां अपनी ब्रांडिंग में लाल, नारंगी और पीले रंगों का उपयोग करते हैं क्योंकि ये रंग हमें भूख का एहसास कराते हैं।
24. जो लोग झूठ बोलने में माहिर होते हैं, वे दूसरों के झूठ का पता लगाने में भी माहिर होते हैं।
25. हमारा मस्तिष्क उन कामों को महत्वपूर्ण नहीं मानता है जिनको पूरा करने के लिए अभी काफी समय बचा हुआ है. जिन कामों की समय-सीमा एक दम सिर के ऊपर होती है हमारा दिमाग उन कामों को ही प्रायोरिटी देता है.
26. देर रात को बात करने पर ज्यादातर लोग सच बोलते हैं क्योंकि थका हुआ होने के कारण दिमाग ज्यादा सोचता नहीं है और ईमानदारी से जबाब देता है.
27. किसी के गले लगने पर हम तनाव मुक्त और तरो-ताजा महसूस करते हैं. किसी व्यक्ति को 20 सेकंड्स से ज्यादा देर तक गले लगने पर हम उस व्यक्ति पर ज्यादा भरोसा करने लगते हैं.
28. किसी जोक पर हंसने के लिए हमारे दिमाग को पांच अलग-अलग हिस्सों में काम करना पड़ता है.
29. नास्तिक लोग अधिक सेक्स करते हैं. वो ऐसा जुनून या आकर्षण की वजह से नहीं करते बल्कि अपना वर्चस्व दिखाने के लिए ऐसा करते हैं.
30. अपने सबसे अच्छे दोस्त से शादी करने से तलाक का जोखिम 70% तक ख़त्म हो जाता है और यह शादी जीवन भर चलने की संभावना बढ़ जाती है.
एक से अधिक भाषा बोलने वाले लोग जब एक भाषा से दूसरी भाषा में बात बदलते हैं तो उनके हाव-भाव भी उसके साथ बदल जाते हैं.
32. अगर लड़कियाँ आपको पसंद करती हैं तो वे आपको उन्हें घूरते हुए देखने पर भी पसंद करती हैं.
33. किसी के साथ लगातार ज्यादा देर तक बात करने से उसके साथ प्यार में पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
34. जब हम किसी वस्तु को अपने अधिकार के तौर पर देखते हैं तो ज्यादा संभावना है कि हम उसे खरीद लेते हैं.
35. जिन महिलाओं के दोस्तों में पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है वो ज्यादा कूल और अच्छे मूड में रहती हैं.
36. यदि आप बार बार अपने लक्ष्यों के बारे में बात करते हैं, तो इससे उस लक्ष्य के सफल होने की संभावना कम हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप प्रेरणा खो देते हैं।
37. कभी-कभी हम किसी काम को करने से ज्यादा उसके बारे में सोचकर ज्यादा खुश होते हैं.
38. जो लोग अनायास ही दूसरों की बुराई या आलोचना करते रहते हैं, उनके अन्दर आत्म-सम्मान की कमी होती है.
39. जैसे ही लोगों को पॉवर या शक्ति हाथ में आती है वो अन्य लोगों को नज़रअंदाज़ करने लगते हैं. ताकत किसी भी इंसान को दूसरों की परवाह न करना सिखा देती हैं.
40. हमारा मस्तिष्क एक उबाऊ (Boring) काम को पल भर में मजेदार काम में बदल देता है, अगर हम सच में उस काम को करना चाहते हैं.
रोचक मनोविज्ञान तथ्य (41-60) Amazing Facts about Psychology in Hindi:
41 .लगभग 68% लोग Phantom Vibration Syndrome से ग्रसित हैं. इसमें हमको अपना फ़ोन वाईबरेट करता हुआ महसूस होता है जबकि फ़ोन असल में वाईबरेट नहीं कर रहा होता है.
42. जो व्यक्ति सभी को खुश रखता है सामान्यतया खुद में वो अकेला और दुखी होता है.
43. आप कितनी भी कोशिश करने के बाद यह याद नहीं रख सकते कि आपका सपना कैसे शुरू हुआ था.
44. हमारा दिमाग सपनों में अज्ञात चेहरों को नहीं देख सकता है। हमारे सपनों में देखे जाने वाले सभी चेहरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर हमने अनुभव किया होता है.
45. जब हम खुश होते हैं तो हमें कम नींद आती है.
46. किसी प्रियजन का हाथ पकड़ने से हमारा तनाव कम हो सकता है और हम अधिक शांत और खुश महसूस करते हैं।
47. अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा सोता है तो हो सकता है कि वो दुखी और अकेला महसूस कर रहा हो.
48. हम जिस तरह का संगीत सुनते हैं, हमें दुनिया वैसी ही लगने लगती है.
49. हम दिन के समय की तुलना में रात में ज्यादा आसानी से रो सकते हैं.
50. उच्च IQ लेवल वाले लोगों को किसी के साथ प्यार में पड़ने में कठिनाई होती है.
. कई अध्ययनों के द्वारा पता चला है की महिलाएं औसतन 47 घंटे और 15 मिनट से ज्यादा किसी भी सीक्रेट बात को अपने तक नहीं रख सकती हैं.
52. तेज धुनों वाला और फ़ास्ट म्यूजिक सुनाने से हम शांत, तनाव-मुक्त और खुशी महसूस करते हैं.
53. अगर आप अपने पसंदीदा गाने को अपना अलार्म बना लेते हो तो आप उसे नापसंद करने लगते हो.
54. शोधकर्ताओं ने पाया कि फ़ोबिया (Phobia) (किसी विशेष चीज या स्थिति से डर) आनुवंशिक हो सकता है। फोबिया और डर आपके माता-पिता से आपके अंदर ट्रान्सफर हो सकता है.
55. जब हमें अपनी किसी बात पर पूरा भरोसा नहीं होता है तो हम उस बात का बचाव करने लग जाते हैं.
56. एक व्यक्ति जो आमतौर पर परवाह नहीं करने का दिखावा करता है वह सबसे ज्यादा परवाह करता है।
57. हमारा मस्तिष्क हमेशा समस्याओं को खोजने की कोशिश करता है क्योंकि यह उन्हें हल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यही मुख्य कारण है कि हमें बार-बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
58. अपने दिमाग या मन को एक जगह पर स्थिर या शांत रखना बहुत कठिन है. हमारा दिमाग 30% समय भटकता ही रहता है.
59. जिन लोगों की humor या व्यंग्य को समझने की क्षमता अच्छी होती है. वे लोगों के दिमाग को पढ़ने में भी माहिर होते हैं।
60. यह देखने में आया है कि किसी सत्य घटना से ज्यादा किसी अफ़वाह पर लोगों को जल्दी विश्वास हो जाता है.
मनोविज्ञान तथ्य: (61-80)
. जो लोग अधिक हंसते हैं उनकी दर्द को सहने की क्षमता अधिक होती है.
62. हम कभी भी अपने दिमाग को 100% लापरवाह नहीं बना सकते. दिमाग का कोई न कोई हिस्सा हमेशा अपने प्रति सतर्क रहता है.
63. प्रेम, दिमाग में होने वाली रासायनिक क्रियाओं का ही एक उदाहरण है.
64. कॉमेडियन और व्यंग्यकार, आम लोगों की तुलना में ज्यादा दुखी और अकेले होते हैं.
65. हम उन चीजों या घटनाओं को जो हमें असहज करती हैं, बोलने की वजाय लिखकर आसानी से एक्सप्रेस कर पाते हैं.
66. भविष्य के बारे में आशावादी होने से भविष्य में चिंता और बीमारी की संभावना कम हो सकती है।
67. हमारी जीभ की लंबाई का सीधा सम्बन्ध हमारी यौन जिज्ञासा या Sexual Curiosity से होता है.
68. नकारात्मक सोच (Negative Thinking) आपके माता-पिटा से मिले किसी zene का परिणाम भी हो सकती है.
69. जिस तरह से लोग रेस्तरां के कर्मचारियों के साथ व्यवहार करते हैं उससे उनके व्यक्तित्व और चरित्र के बारे में बहुत कुछ पता चलता है।
70. पुरुष महिलाओं की तुलना में ज्यादा मजाकिया नहीं होते हैं। पुरुष केवल अधिक चुटकुले बनाते हैं, वे इस बात की परवाह नहीं करते हैं कि किसी को चुटकुले पसंद हैं या नहीं।
यदि दोस्ती 7 साल से अधिक की है, तो इसके जीवन भर चलने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं.
72. जब लोग समूहों में बात करते हैं, तो 80% ये तय है कि वो किसी की बुराई या शिकायत कर रहे होते हैं.
73. हमारे दिमाग को लंबे उबाऊ लेखों के बजाय छोटे और रोचक तरीके से लिखी जानकारियाँ पसंद हैं. यही कारण है कि Top-10 Lists, Amazing Facts जैसे आर्टिकल जल्दी वायरल हो जाते हैं. यह पोस्ट इसी का उदाहरण है.
74. 70% समय हमारा मस्तिष्क केवल पुरानी यादों के सहारे एक बढ़िया माहौल बनाने की कोशिश करता रहता है.
75. कुछ लोगों को सिर्फ 4 मिनट में प्यार हो जाता है. ये बात साइकोलॉजिकल तौर पर सिद्ध हो चुकी है.
76. जब लोग यह कहते हैं कि ‘आप बदल गए हो’ तो उनका मतलब होता है कि अप अब उसकी जरूरत के काम नहीं करते हो. बाकी आपमें कुछ और नहीं बदला है.
77. मनुष्य के विचारों का उसके शारीरिक क्षमता पर सीधा प्रभाव पड़ता है. ज्यादा नकारात्मक विषयों के बारे में सोचने पर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाते है, और हम जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं.
78. Over Thinking या जरूरत से ज्यादा सोचने की वजह से हम अवसाद में चले जाते हैं.
ये दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य (Psychology Facts in Hindi) जरूरी नहीं है कि हर बार सही ही हों, अलग-अलग लोग अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग व्यवहार कर सकते हैं। मनोविज्ञान एक जटिल चीज है और यह हर मानव मन के साथ बदलता है।अगर आपके मन में इन फैक्ट्स और साइकोलॉजी से जुड़ी जानकारी से संबंधित कोई सवाल है तो आप कमेन्ट सेक्शन में पूछ सकते हैं.